उत्तराखण्ड
हरीश रावत का परिवारवाद: बेटी के बाद अब बेटे को दिलाया पार्टी का टिकट !
उत्तराखंड: प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार का फैसला करने में लेट लतीफ रही कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रभाव में फंसती नजर आ रही है. पौड़ी अल्मोड़ा और टिहरी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के कई दिन बाद आखिरकार नैनीताल और हरिद्वार लोकसभा सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामो का ऐलान कर पाई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दोनों लोकसभा सीटों पर अपनी मनपसंद के उम्मीदवार तय कराने की जिद्द पर अड़े हुये थे. अल्मोड़ा और पौड़ी की लोकसभा सीटों पर भी हरीश रावत के करीबी ही उम्मीदवार बनाये गये हैं. पार्टी ने अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा जबकि पौड़ी से गणेश गौदियाल को उम्मीदवार बनाया है. नैनीताल की लोकसभा सीट से पूर्व सांसद महेंद्र पाल टिकट की दावेदारी कर रहे थे जबकि प्रकाश जोशी और खटीमा से विधायक भुवन कापड़ी का भी नाम चर्चा में था. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल से प्रकाश जोशी के नाम की पैरवी कर रहे थे जबकि हरिद्वार लोकसभा सीट पर वह अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को उम्मीदवार बनाने की जिद्द पर अड़े थे. उनकी इस जिद के चलते पार्टी नैनीताल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने में लेट लतीफ रही. प्रदेश कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा हरीश रावत की इस मनमानी के खिलाफ हैं. परिवारवाद को बढ़ावा देने पर पार्टी में ही उनके खिलाफहै असंतोष बढ़ रहा है. उन पर ब्लैकमेलिंग की राजनीति करने का आरोप हैं.बीते विधानसभा चुनाव में अपने आप को रामनगर सीट पर उम्मीदवार बनाए जाने और फिर विरोध होने पर वहाँ से लाल कुआं जाने के एवज में हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अपनी बेटी अनुपमा को टिकट दिला दिया. बेटी को विधायक बनाने के बाद अब बेटे को सांसद बनाने की उनकी हसरत हैं. फिलहाल पार्टी हाई कमान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को हरिद्वार लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है जबकि नैनीताल लोकसभा सीट से प्रकाश जोशी उम्मीदवार बनाए गए हैं.