उत्तराखण्ड
उत्तराखंड की धरती पर एमडीएमए ड्रग्स फैक्ट्री: जंगल की आड़ में करोड़ों का गोरखधंधा उजागर
उत्तराखंड की धरती पर एमडीएमए ड्रग्स फैक्ट्री: जंगल की आड़ में करोड़ों का गोरखधंधा उजागर
उत्तराखंड के शांत पहाड़ों में नशे का ज़हर तैयार हो रहा था—वो भी मुर्गी फार्म और डैम के किनारे जैसे सुनसान इलाकों में। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसा नेटवर्क ध्वस्त हुआ है, जो अंतरराज्यीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय लिंक के साथ चल रहा था। इस गोरखधंधे के सरगना कुनाल कोहली को नानकमत्ता से गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से भारी मात्रा में प्रतिबंधित प्रिकर्सर कैमिकल्स और तैयार एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई है।
गिरफ्त में गिरोह का मास्टरमाइंड
नानकमत्ता क्षेत्र के साहनी नर्सरी तिराहे से एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने कुनाल राम कोहली को दबोचा। उसके पास से 7.41 ग्राम एमडीएमए, 126 लीटर कैमिकल्स और 28 किलो पाउडर जब्त किए गए, जिनसे करीब 6 किलो एमडीएमए तैयार की जा सकती थी—जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत करीब 12 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
मुर्गी फार्म की आड़ में फैक्ट्री, नेपाल भागने की साजिश
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि कुनाल और उसके साथी पहले चम्पावत के गैंडाखाली इलाके में एक्टिव थे, जहां से वे नेपाल सीमा पार कर फरार हो गए थे। बाद में ये लोग पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र में सुवालेख में एक मुर्गी फार्म किराए पर लेकर एमडीएमए ड्रग्स बनाने लगे।
सप्लाई चैन: बनारस से मंगाया जाता था कैमिकल, मुंबई में होती थी बिक्री
ड्रग्स बनाने के लिए आवश्यक रसायन बनारस, गाजियाबाद और महाराष्ट्र के ठाणे से अवैध रूप से लाए जाते थे। माल तैयार होने के बाद बल्ली राम गुप्ता नामक सदस्य उसे मुंबई ले जाकर सप्लाई करता था, जहां मुंबई पुलिस ने उसे दबोच लिया था।
पिछले ऑपरेशन से बौखलाया गिरोह, बना नेपाल भागने का प्लान
जून में पिथौरागढ़ के थल थाना क्षेत्र में एक छापेमारी के दौरान पुलिस ने प्रिकर्सर कैमिकल्स जब्त किए थे, लेकिन आरोपी फरार हो गए थे। इसके बाद चम्पावत में कुनाल के साथी राहुल और उसकी पत्नी ईशा को 5.6 किलो एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया। वहीं पलिया बॉर्डर से मोनू गुप्ता, भीम यादव और अमन कोली को भी पकड़ लिया गया।
गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम
- 14 जुलाई 2025: नानकमत्ता डैम के पास से कुनाल कोहली गिरफ्तार
- 13 जुलाई 2025: बचे हुए कैमिकल्स को नानकमत्ता के एक खाली कमरे में छिपाया गया
- 12 जुलाई 2025: राहुल की पत्नी ईशा भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ गिरफ्तार
- 27 जून 2025: पिथौरागढ़ में ड्रग फैक्ट्री पर मुंबई पुलिस का छापा
- 26 जून 2025: थल पुलिस द्वारा प्रिकर्सर कैमिकल्स की बरामदगी
गैंग का नेटवर्क और लिंक
यह नेटवर्क केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं था। पूछताछ में मोनू गुप्ता, भीम यादव, बल्ली राम गुप्ता और नवीन नेपाली जैसे नाम सामने आए हैं जो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और नेपाल तक फैले हैं। ड्रग फैक्ट्री को टनकपुर, चम्पावत और पिथौरागढ़ के दूरदराज इलाकों में बारी-बारी से चलाया गया।
ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल रसायनों की लिस्ट:
कैमिकल | मात्रा |
---|---|
Dichloromethane (Methylene Chloride) | 57.5 लीटर |
Acetone for synthesis | 20 लीटर |
Hydrochloric Acid (HCL) | 47.5 लीटर |
Methylamine Solution | 0.5 लीटर |
Sodium Hydroxide (Pellets) | 28 किलो |
गिरोह की कार्यप्रणाली और उद्देश्य
पूछताछ में यह भी स्पष्ट हुआ कि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और सुनसान इलाकों को ड्रग निर्माण के लिए सुरक्षित माना गया। आरोपियों को लगता था कि सीमावर्ती और ग्रामीण इलाके पुलिस के रडार से बाहर हैं—लेकिन अब मामला पूरी तरह से उजागर हो चुका है।
अब आगे क्या?
जहां से ये कैमिकल्स मंगाए गए—उन कंपनियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। इस गिरोह की जड़ें अब राज्य की सीमाओं से बाहर तक तलाशने की तैयारी है।
यह मामला सिर्फ एक नशा फैक्ट्री के खुलासे का नहीं, बल्कि एक पूरे संगठित तंत्र को उजागर करने वाला है जो उत्तराखंड जैसे शांत प्रदेश को नशे की मंडी बनाने में जुटा था।
👉 ऐसे मामलों की तह तक जाना, सतर्क रहना और अपनी युवा पीढ़ी को इस ज़हर से बचाना अब सिर्फ पुलिस या सरकार की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है।







