उत्तराखण्ड
विवेचनाओं के त्वरित और प्रभावी निस्तारण के लिए आयोजित की कार्यशाला, साइबर क्राइम और आईटी एक्ट पर दिए महत्वपूर्ण निर्देश
हल्द्वानी: जिले में साइबर क्राइम और आईटी एक्ट से जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, विवेचनाओं को त्वरित और प्रभावी तरीके से निपटाने के उद्देश्य से *एसपी सिटी हल्द्वानी श्री प्रकाश चंद की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला पुलिस बहुउद्देशीय भवन के मीटिंग हॉल में आयोजित की गई, जिसमें जिले के समस्त निरीक्षकों ने भाग लिया।
कार्यशाला में क्षेत्राधिकारी भवाली सुमित पांडे ने विवेचकों को साइबर अपराध और आईटी एक्ट से संबंधित मामलों की जांच के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की। साथ ही, विवेचनाओं की गुणवत्ता बढ़ाने और त्वरित निस्तारण के लिए एसपी सिटी ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए।
कार्यशाला के प्रमुख बिंदु:
1.साइबर अपराध की सूचना पर त्वरित कार्यवाही: किसी भी साइबर अपराध की सूचना प्राप्त होने पर प्रारंभिक कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी गई। इससे विवेचक त्वरित और सही कदम उठा सकेंगे।
2.साइबर फ्रॉड के मामलों में उपयोग किए जाने वाले टूल्स: साइबर धोखाधड़ी के मामलों में बेनिफिशियरी अकाउंट की जानकारी जुटाने के लिए किन टूल्स का उपयोग किया जाना चाहिए, इसकी जानकारी दी गई। यह जानकारी विवेचकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रही।
3. विवेचना की प्रक्रिया: अभियोगों की विवेचना के दौरान की जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों को विस्तार से समझाया गया। साथ ही, लिंक अकाउंट की जानकारी कैसे प्राप्त की जाए, इस पर भी चर्चा की गई।
4.गुणवत्ता में सुधार के टिप्स: विवेचकों को विवेचनाओं में गुणवत्ता लाने के लिए उपयोगी टिप्स दिए गए, जिससे जांच प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो सके।
5. समय पर निस्तारण के निर्देश: एसपी सिटी द्वारा सभी विवेचकों को निर्देशित किया गया कि वे निर्धारित समय में सभी विवेचनाओं का निस्तारण सुनिश्चित करें, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
कार्यशाला में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली हल्द्वानी राजेश यादव, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली लालकुआं डॉ. आर. वर्मा, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रामनगर अरुण कुमार सैनी, प्रभारी निरीक्षक मल्लीताल हरपाल सिंह, प्रभारी साइबर सेल हल्द्वानी हेम चंद पंत सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला के माध्यम से पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों से जुड़े तकनीकी पहलुओं और नए टूल्स की जानकारी देकर उनकी जांच प्रक्रिया में सुधार लाने का प्रयास किया गया, जिससे आने वाले समय में साइबर अपराधों से निपटने में पुलिस और अधिक प्रभावी साबित हो सकेगी।