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उत्तराखंड दर्शन

श्रीमद् भागवत कथा ग्रहस्थ वानप्रस्थ और संन्यासी  सभी के लिए परम कल्याणकारी

हल्द्वानी। काठगोदाम शीशमहल कैनाल रोड स्थित रॉयल बैंक्विट हॉल में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक खेमराज पंत ने कहा कि श्रीमद् भागवत सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण का ही साक्षात स्वरूप है, अर्थात श्रीमद् भागवत का कथा श्रवण करने से श्री हरि की कृपा प्राप्त हो जाती है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान भक्ति वैराग्य की त्रिवेणी कहे जाने वाले श्रीमद् भागवत का अमृत पान करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के समस्त पापों का  इस प्रकार निवारण हो जाता है। जैसे अग्नि के संपर्क में आकर सूखा तिनका भस्म हो जाता है, और उसे परमपिता परमात्मा की उस दिव्य ज्योति का दर्शन होने लगता है। जिस ब्रह्म ज्योति से संपूर्ण संसार प्रकाशमान है।

उन्होंने इस दौरान श्री हरि के 24 अवतारों का भी बहुत ही सुंदर वर्णन किया इसके अलावा उन्होंने शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी द्वारा राजा परीक्षित को दिए गए श्राप तथा राजा परीक्षित का उसके उद्धार हेतु सुकदेव मुनि की शरण में जाने का बहुत ही सुंदर वर्णन सुनाया उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ग्रहस्थ वानप्रस्थ और संन्यासी  सभी के लिए परम कल्याणकारी है यह आध्यात्म की ऐसी गंगा है जिसमें जो जितना डूबता जाता है उसके अंदर कुछ और पाने की जिज्ञासा बढ़ती चली जाती है क्योंकि यह आनंद घन भगवान श्री कृष्ण का ही रूप है।

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