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उत्तराखण्ड

टाइगर हमले से पीड़ित ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, कार्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन के खिलाफ मुकदमे की मांग

टाइगर हमले से पीड़ित ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, कार्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन के खिलाफ मुकदमे की मांग

रामनगर: टाइगर और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को कोतवाली पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडौला, उपनिदेशक राहुल मिश्रा और रेंज अधिकारी भानुप्रकाश हर्बोला पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने प्रेम वल्लभ जोशी की तहरीर दर्ज करने और रेंज अधिकारी भानु प्रकाश हर्बोला द्वारा 5 नामजद व 50 अन्य ग्रामीणों पर दर्ज फर्जी मुकदमे को तत्काल रद्द करने की भी मांग की। इस दौरान रामनगर कोतवाल को ज्ञापन सौंपा गया, जिन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय पर भी हुआ प्रदर्शन

इससे पहले सुबह 11 बजे, बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कार्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय पर धरना दिया। ग्रामीणों का कहना था कि जंगली जानवरों और बंदरों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में पार्क प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। धरने के दौरान निदेशक साकेत बडोला की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जताते हुए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से उनके एक दिन का वेतन काटने की मांग की।

सभा का संचालन कर रहे महेश जोशी ने कहा कि ग्रामीण कई बार लिखित, मौखिक और फोन के जरिए अपनी समस्याएं प्रशासन तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। टाइगर, लेपर्ड और अन्य हिंसक जानवर घरों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन पार्क प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। जब ग्रामीण धरना-प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं।

‘बैलेंस हंटिंग’ या स्थानांतरण की मांग

सभा में वक्ताओं ने उत्तराखंड में बढ़ती टाइगर और लेपर्ड की संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि इनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए सरकार को ‘बैलेंस हंटिंग’ करवानी चाहिए या फिर इन जानवरों को अन्य देशों को भेजना चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान पार्क वार्डन का एक बयान भी विवादों में आ गया। उन्होंने कहा कि “टाइगर को उसकी मां ने शिकार करना सिखाया है।” इस पर ग्रामीण भड़क उठे और इसे उकसाने वाला बयान बताते हुए कहा कि क्या प्रशासन तब भी यही कहता अगर हमले में किसी अधिकारी या उनके परिजन की मौत होती?

17 मार्च को होगी रणनीति तय

संयुक्त संघर्ष समिति ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। आगामी रणनीति तय करने के लिए 17 मार्च को ग्राम सांवल्दे पूर्वी में बैठक आयोजित की जाएगी।

प्रमुख वक्ताओं ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

धरने को तारा बेलबाल, भूवन आर्य, बालम थापा, समिति के संयोजक ललित उप्रेती, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, नवीन अधिकारी, पीसी जोशी, कैसर राना, महिला एकता मंच की ललिता रावत, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, एडवोकेट पूरन पांडे और आइसा के सुमित ने संबोधित किया। सभी ने टाइगर रिजर्व प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने और ग्रामीणों की सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो यह आंदोलन और उग्र हो सकता है।

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