उत्तराखण्ड
रामनगर में भाजपा के अंदर विद्रोह की आग: नगर पालिका चुनाव में टिकट बंटवारे पर मचा बवाल
रामनगर। भाजपा के अंदर नगर पालिका चुनाव को लेकर असंतोष और विद्रोह की लहर दिखाई दे रही है। पार्टी ने मदन जोशी को उम्मीदवार घोषित किया, जिससे कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि उम्मीदवार का चयन आम कार्यकर्ताओं की भावना को दरकिनार कर, विधायक दीवान सिंह बिष्ट और सांसद अनिल बलूनी की जिद्द पर किया गया है।
PPP मोड पर अस्पताल और टिकट का कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, सरकारी अस्पताल को PPP मोड पर चला रही कंपनी के संचालक ने भी मदन जोशी को टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। यह वही कंपनी है जिसके खिलाफ जनप्रतिनिधि और स्थानीय संगठन अस्पताल को PPP मोड से हटाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन भाजपा विधायक दीवान सिंह बिष्ट और नगर अध्यक्ष मदन जोशी, कंपनी के बचाव में रहे हैं।
पार्टी के अंदर गहरी नाराजगी
मदन जोशी को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही भाजपा के अंदर खलबली मची हुई है। पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, पार्टी नेतृत्व के दबाव में ये पोस्ट्स डिलीट भी कर दिए जा रहे हैं।
पूर्व नेताओं की बगावत और नई रणनीति
भाजपा से जुड़े तीन वरिष्ठ नेता—पूर्व पालिका अध्यक्ष भागीरथ लाल चौधरी, नरेंद्र शर्मा और भावना भट्ट—ने भी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीदा है। वहीं, पूर्व नगर अध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा ने स्पष्ट कहा है, “पिछले चुनाव में जैसा प्रयास उनकी पत्नी रूचि गिरी के लिए किया गया था, वैसा ही प्रयास उनका भी रहेगा,कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।“
भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं
टिकट बंटवारे को लेकर उठे इस विवाद ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी की अंदरूनी कलह और स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी से चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। नगर पालिका चुनाव में भाजपा के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति साबित हो सकती है।
क्या भाजपा इस बगावत को संभाल पाएगी?
रामनगर में भाजपा के भीतर इस विद्रोह की आग को बुझाने के लिए पार्टी नेतृत्व को ठोस कदम उठाने होंगे। उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठने और कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने इस चुनाव को भाजपा के लिए परीक्षा की घड़ी बना दिया है।
रामनगर का यह राजनीतिक घटनाक्रम आगामी चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है।




