Connect with us

उत्तराखण्ड

उत्तरायणी मेले में व्यवसायिक गतिविधियों के चलते प्रदूषित न होने पाए सरयू नदी- हाईकोर्ट

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी बागेश्वर में दुकानों का वेस्ट सरयू नदी में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा है कि जिला प्रसाशन बागेश्वर को निर्देश दिए कि नदी के किनारे कोई व्यवसायिक गतिविधियां नहीं हो जिसकी वजह से नदी प्रदूषित हो।

मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान जिला प्रसाशन ने कहा कि मेले के दौरान नदी के किनारे व्यवसायिक गतिविधयां होती हैं इस पर रोक लगाई जा रही है। मामले के मुताबिक बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद बागेश्वर व जिला प्रशासन की तरफ से किया जाता है।

नगर पालिका सरयू नदी के तट सभी प्रकार की दुकानें आबंटित करती है जिसमें खाने व मीट की दुकानें भी शामिल हैं। मीट की दुकानों का सारा वेस्ट सरयू नदी में डाला जा रहा है जिससे नदी प्रदूषित हो रही है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी स्थित हैं जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं का उलंघन भी किया जा रहा है। इसको रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों के द्वारा कई बार जिला प्रशासन व नगर पालिका को प्रत्यावेदन दिया परन्तु उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए जिससे की नदी प्रदूषित न हो।

More in उत्तराखण्ड

Trending News

संपादक –

नाम: खुशाल सिंह रावत
पता: भवानीगंज, रामनगर (नैनीताल)
दूरभाष: 9837111711
ईमेल: [email protected]

You cannot copy content of this page