उत्तराखण्ड
वन्यजीव तस्करी नेक्सस का भण्डाफोड़, उत्तराखण्ड के कुख्यात वन्यजीव तस्कर गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार , दिल्ली तक फैला था नेटवर्क
देहरादून। वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में एसटीएफ उत्तराखण्ड ने बड़ी कार्यवाही की है। टीम ने टाइगर की खाल व हड्डी के साथ 3 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्कर फिल्मी स्टाइल में हाईवे में ट्रक चलाकर उसमें वन्यजीव अंगों की तस्करी कर रहे थे। एसटीएफ द्वारा काफी मशक्कत के बाद चलते ट्रक को काबू किया गया।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राज्य की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए चलाये जा रहे अभियानों में से एक महत्वपूर्ण, राज्य में बढ़ते वन्य जीव अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ हेतु एसएसपी एसटीएफ श्री आयुष अग्रवाल द्वारा अपनी टीमों को निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में सीओ एसटीएफ सुमित पाण्डे के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर (टांडा) की संयुक्त टीम द्वारा बीती शाम बाजपुर स्थित हाइवे से 3 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2 टाइगर (बाघ) की खाल व करीब 35 किग्रा बाघ की हड्डी बरामद की है। गिरफ्तार तस्कर जनपद ऊधमसिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं और लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त थे।
एसटीएफ को सूचना मिली कि बाजपुर क्षेत्र में कुछ लोग ट्रक संख्या यूके 18 सीए 6713 से बाघ की खाल लेकर बेचने जा रहे है। जिसके बाद एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने एक ट्रक और बाइक पर सवार तीन तस्करों को पकड़ लिया। तीनों लोग काशीपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से बाघ की दो खाल और हड्डियां बरामद हुई। इसके बाद टीम तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए टांडा रेंज स्थित संजय वन ले आई। गिरफ्तार तस्करों शमशेर सिंह पुत्र कुलविंदर सिंह, निवासी शिव कॉलोनी सर्वरखेड़ा थाना जसपुर, कुलविंदर सिंह पुत्र खड़क सिंह, निवासी शिव कॉलोनी सर्वरखेड़ा थाना जसपुर व जोगा सिंह पुत्र सुरता सिंह निवासी सर्वरखेड़ा थाना जसपुर ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उक्त टाइगर की खाल व हड्डी को वे काशीपुर से लाये हैं और जिसे आज बेचने के लिए रुद्रपुर ले जा रहे थे।
अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो पता चला कि तीनों कुख्यात वन्यजीव तस्कर हैं जो कि काफी समय से उत्तराखण्ड व सीमावर्ती उ0प्र0 में सक्रिय हैं, इसी गैंग से सम्बन्धित 07 सद्स्यों को एसटीएफ द्वारा इसी वर्ष जुलाई माह में 01 टाइगर स्किन के साथ पकड़ा था। पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर में वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम में पंजीकृत कराया गया। अभियुक्तों से तस्करी के सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही हैं। एसटीएफ की इस कार्यवाही में मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह व मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिका रही।