उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में पहली बार एक साथ तीन अजगरों का रेस्क्यू, जंगल में छोड़ा गया!
उत्तराखंड में पहली बार एक साथ तीन अजगरों का रेस्क्यू, जंगल में छोड़ा गया!
रामनगर (नैनीताल) काशीपुर के धीमरखेड़ा क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां आबादी के पास एक नहीं, बल्कि तीन अजगर दिखाई दिए। इन विशालकाय अजगरों के मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया, लेकिन वन विभाग और स्नेक कैचर तालीम हुसैन की तत्परता से इनका सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।
कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन?
स्थानीय लोगों ने जब इन अजगरों को आबादी के नजदीक देखा तो तुरंत वन विभाग को सूचना दी। स्नेक कैचर तालीम हुसैन और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सावधानीपूर्वक इन तीनों अजगरों को पकड़कर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के DFO कार्यालय ले गई। जांच के बाद, वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन्हें जंगल में छोड़ दिया गया।
पहले भी हुआ था विशालकाय अजगर का रेस्क्यू
यह पहला मौका नहीं है जब काशीपुर क्षेत्र में इतना बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ है। इससे पहले सैनिक कॉलोनी में 170 किलो वजनी एक विशाल अजगर को सफलतापूर्वक पकड़ा गया था।
बढ़ रहा है इंसान और वन्यजीवों का टकराव
अजगरों का इस तरह रिहायशी इलाकों में आना यह दर्शाता है कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। जंगलों के सिकुड़ने और लगातार हो रहे अतिक्रमण के कारण अजगर जैसे विशालकाय सरीसृप अब भोजन और आश्रय की तलाश में गांवों और शहरों तक पहुंच रहे हैं।
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और किसी भी वन्यजीव को देखने पर तुरंत विभाग को सूचना देने की अपील की है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
वन्यजीवों का संरक्षण है जरूरी
इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। वन्यजीव प्रेमियों और स्नेक कैचर तालीम हुसैन की मेहनत से यह साबित होता है कि सही समय पर की गई कार्रवाई इंसान और जानवर दोनों के लिए सुरक्षित हो सकती है।
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