उत्तराखण्ड
रेलवे ने लालकुआं में हटाया अतिक्रमण, तोड़े जाने से पहले ही समेट लिया गया सामान
लालकुआं। यहां रेलवे भूमि में काबिज बंगाली कॉलोनी में अतिक्रमण हटाओ अभियान फिर शुरू हो गया है। इसके लिए रेलवे लाव लश्कर के साथ भूमि पर पहुंचा। जैसे ही रेलवे ने अपनी दीवार गिराई, अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया और सामान समेटना शुरू कर दिया।
रेलवे भूमि में अतिक्रमण का मामला वर्षों पुराना है। इस भूमि को खाली करने की कवायद कई बार की जा चुकी है। लेकिन भूमि खाली नहीं हो पाई है। इस बीच रेलवे ने एक बार फिर अपनी भूमि की सुध ले ली है। तहसीलदार लालकुआं मनीषा बिष्ट के नेतृत्व में रेलवे की सीमा से लगे बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्यवाही शुक्रवार की प्रातः शुरू की गई। रेल विभाग द्वारा सबसे पहले अपनी दीवार तोड़ी, उसके बाद उसके ठीक किनारे बने तीन कच्चे निर्माण ध्वस्त कर दिये।
वही रेलवे द्वारा निर्माण तोड़ने से पूर्व ही उक्त लोगों द्वारा अपना सामान हटा लिया गया था, रेल विभाग द्वारा पूर्व में अतिक्रमण ध्वस्त कर अपनी चारदीवारी बना ली गई थी। इसके बावजूद पुनः दीवार तोड़कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि जब पूर्व में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाकर अपनी चाहर दिवारी बना ली थी, तो इसके बाद पुनः लोगों के आशियाने उजाड़ने की कार्यवाही करना सरासर बेईमानी है।